कागज़ के फूल
वक़्त ने किया,
क्या हसीन सितम,
तुम रहे न तुम,
हम रहे न हम,
वक़्त ने किया....
बेक़रार दिल इस तरह मिले
जिस तरह कभी हम जुदा न थे
तुम भी खो गए
हम भी खो गए
एक राह पर
चलके दो कदम
वक़्त ने किया .....
जायेंगे कहाँ
सूझता नहीं
चल पड़े मगर
रास्ता नहीं
क्या तलाश है
कुछ पता नहीं
बुन्न रहे है दिल
ख्वाब दम बा दम
वक़्त ने किया........